महान विदुषी महिला मदालसा
मदालसा एक विदुषी माँ थी जिनकी शिक्षा और संस्कारों के कारण उन्हें आज भी स्मरण किया जाता है. इस महान विदुषी महिला का वर्णन श्री मार्कंडेय पुराण में मिलता है .
वे महाराज ऋतूध्वज की पत्नी थीं. उनके यहाँ चार पुत्र उत्पन्न हुए. उनके नाम थे - विक्रांत, सुबाहु, शत्रुमर्दन और अलर्क.
पहले तीन पुत्रों को माँ ने मोह माया से भरे संसार की निस्सारता का परिचय दिया. वे तीनो गृहत्यागी सन्यासी बने. तब महाराज चिंतित हो उठे. उन्होंने पत्नी से कहा- प्रिये! तुम्हारे शिक्षा के प्रभाव से यदि चौथा पुत्र भी सन्यासी बन गया तो वंश के मर्यादा की रक्षा कौन करेगा. राज काज कौन सम्हालेगा.'
मदालसा ने स्मित हास्य से उत्तर दिया- 'स्वामी! मैं अलर्क को राजनीति की शिक्षा दूंगी. वह वंश बेल की वृद्धि करेगा.'
मदालसा ने अपने कहे को सत्य कर दिखाया. उनके दिए गए ज्ञान के बल पर अलर्क एक प्रतापी राजा बना. मदालसा की गणना महान भारतीय विदुषी महिला के रूप में किया जाता है.
मदालसा एक विदुषी माँ थी जिनकी शिक्षा और संस्कारों के कारण उन्हें आज भी स्मरण किया जाता है. इस महान विदुषी महिला का वर्णन श्री मार्कंडेय पुराण में मिलता है .
वे महाराज ऋतूध्वज की पत्नी थीं. उनके यहाँ चार पुत्र उत्पन्न हुए. उनके नाम थे - विक्रांत, सुबाहु, शत्रुमर्दन और अलर्क.
पहले तीन पुत्रों को माँ ने मोह माया से भरे संसार की निस्सारता का परिचय दिया. वे तीनो गृहत्यागी सन्यासी बने. तब महाराज चिंतित हो उठे. उन्होंने पत्नी से कहा- प्रिये! तुम्हारे शिक्षा के प्रभाव से यदि चौथा पुत्र भी सन्यासी बन गया तो वंश के मर्यादा की रक्षा कौन करेगा. राज काज कौन सम्हालेगा.'
मदालसा ने स्मित हास्य से उत्तर दिया- 'स्वामी! मैं अलर्क को राजनीति की शिक्षा दूंगी. वह वंश बेल की वृद्धि करेगा.'
मदालसा ने अपने कहे को सत्य कर दिखाया. उनके दिए गए ज्ञान के बल पर अलर्क एक प्रतापी राजा बना. मदालसा की गणना महान भारतीय विदुषी महिला के रूप में किया जाता है.